SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 463
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 398 ज्ञानी पुरुष (भाग-1) से भय लगता था। हर इंसान को भय रहता था यमराज का। बचपन से ही घबराहट-घबराहट, घबराहट-घबराहट होती रहती थी। यमराज के बारे में बताया और फिर उसके फोटो भी छपवाए। डरावने फोटो बनाए यमराज के पहले के ज़माने में यमराज के बड़े-बड़े फोटो बाहर निकालकर रखते थे। उसके बड़े-बड़े दाँत और चेहरा भी बनाया, डर लगता था! अब लोग भी फोटो लटकाए बगैर रहते नहीं हैं न! कलियुग है तो नहीं करेंगे क्या? यमराज के फोटो बनाए लोगों ने। वे फोटो देखे हैं क्या? प्रश्नकर्ता : हाँ, देखे हैं मैंने। फोटो तो कैसे भी हो सकते हैं लेकिन वह असल तो नहीं हैं न! दादाश्री : अब उनके फोटो हमने बचपन में देखे थे। ये हिन्दुस्तान देश और उसमें ऐसा सिखाते हैं तो बेचारे लोग डर-डरकर मर जाते हैं। लोगों को घबराहट हो जाती है बेचारों को। तब फिर मैंने सोचा कि हिन्दुस्तान की प्रजा इतनी कमज़ोरी कहाँ से हो गई? तेरह साल की उम्र में मुझे इतना भय लगता था, तो सभी लोगों को कितना भय लगता होगा? कितने ही बच्चे और लोग घबरा जाते होंगे बेचारे! मैं भी इसे सच मानता था। मन में डर लगता था इसलिए फिर मैं शोध करता था। जिसे घबराहट ही नहीं हो वह शोध कैसे करेगा? सभी को हेल्प हो इसलिए रात की ली सेवा जब मैं तेरह साल का था तब मुझ पर क्या बीती, वह बताता हूँ। प्रश्नकर्ता : हाँ, बताइए। दादाश्री : उस समय हमारे पड़ोस के मुहल्ले में एक पड़ोसी थे। वे चाचा हमारे परिचित थे, तो उनके साथ मैं उठता-बैठता था। चाचा
SR No.034316
Book TitleGnani Purush Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy