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ज्ञानी पुरुष (भाग-1)
बनेगा'। वह सब स्कूलों से पढ़कर आया है न! सवा लाख रुपए खर्च किए हैं, वे क्या बेकार जाएँगे?
__ अभी एक्सपर्ट हो चुका है, फर्स्ट क्लास! चाहे किसी को भी छुड़वा सकता है। अभी यदि किसी ने दादा को पकड़ लिया हो तो छुड़वा सकता है। किसी को भी पूरी तरह से छुड़वा सकता है, चाहे कहीं भी हो फिर भी। उसे यह सब आता है। अतः यह पैसे खर्च करना बेकार नहीं जाता ! क्या ऐसे-वैसे किसी स्कूल में पढ़ा है यह इंसान? भले ही पैसे बहुत खर्च हुए लेकिन कुछ तो पढ़ा है इस इंसान ने! यों ही कहीं खर्च होता होगा? इसलिए डरने जैसा नहीं है। वह ऐसा लड़का नहीं है! अब उसे वापस ऐसे किसी कॉलेज में पढ़ने नहीं भेजना है। वह जहाँ है वहाँ रहे, हमें यह समझकर सुखी होना है कि यह नए कॉलेज में पढ़ रहा है ! वह कभी हमारे काम आएगा। नहीं? उसके सारे भाई स्कूलों में पढ़े थे। वे सभी भाई इससे परेशान हो जाते थे। मैंने कहा, 'नहीं, यह बहुत अच्छा इंसान है। यह है तो काम चलेगा'। तब पूछा, 'लेकिन यह सब?' तो मैंने कहा, 'नहीं, वह सब बंद हो जाएगा और जो उसके काम का है, वही गुण बचेगा'। अभी वह सब बंद हो गया है और वह ऐसा है कि किसी के काम आए। कहते हैं कि, 'उनके जैसा कोई भी नहीं है !' अब अगर उन दिनों उसे डिसमिस कर दिया होता, तो क्या होता? अतः 'डोन्ट डिसमिस एनीबडी'। क्या कहा?
प्रश्नकर्ता : डोन्ट डिसमिस एनीबडी। दादाश्री : हाँ। बड़ा, बहुत विशाल मन रखना है।
दादा के भतीजे का अनुभव उनके ही मुख से प्रश्नकर्ता (कांति भाई) : आपने मुझे जो मंत्र दिया... दादाश्री : हाँ, वह तो मुझे याद है।
प्रश्नकर्ता (कांति भाई) : अभी भी उस मंत्र को पकड़कर रखा है लेकिन कई बार मुझे ऐसा हो भी जाता है। फिर तुरंत आपके शब्द