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________________ [6] फादर राजसी इंसान और सरल जीवन प्रश्नकर्ता : पिता जी के संस्कार कैसे थे? पिता जी क्या करते थे? दादाश्री : वे तो राजसी इंसान थे? वहाँ हमारी ज़मीन थी। वहाँ पर घोड़ा रखते थे न! जब वे साफा पहनते थे न, तब राजकुमार जैसे दिखाई देते थे। फादर ने लाइफ ईज़ी रखी थी। कोई बिज़नेस नहीं करते थे क्योंकि घर की कमाई से साधारण रूप से काम चलता रहता था। प्रश्नकर्ता : खेती-बाड़ी थी? दादाश्री : खेती-बाड़ी की कमाई से चलता रहता था। वह भी ज्यादा नहीं, सिर्फ इतना ही कि परिवार का गुजारा हो सके। प्रश्नकर्ता : ठीक है। दादाश्री : सरल तरीके से। पिता जी को लगा कि यह लड़का अलग ही है प्रश्नकर्ता : फादर के साथ की कुछ बातें बताइए न! दादाश्री : मेरे फादर ने मुझसे कहा कि 'कुछ कसरत करनी चाहिए, सुबह घूमने जाना चाहिए'। मैंने कहा, 'घूमने का टाइम नहीं मिलता'। तब उन्होंने कहा कि 'टाइम निकालना चाहिए, शरीर अच्छा रहेगा'। तब मैंने कहा, 'जाऊँगा'। तब उन्होंने पूछा कि, 'किस तरफ जाएगा?' तब मैंने कहा, 'यहाँ गाँव की सीमा की ओर'। तब उन्होंने
SR No.034316
Book TitleGnani Purush Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
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