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________________ [3] उस ज़माने में किए मौज-मज़े 99 कि जब बाल हैं तो फिर क्यों मुंडवा दिया? यह सिर मुंडवाने का मतलब क्या है ? सर्व प्रकार की ममता छोड़ देना। प्रश्नकर्ता : सर्व ममता छोड़ देना? दादाश्री : हाँ... सिर्फ देश के पीछे पड़े थे ये दोनों भाई। जब उनकी वाइफ का तार आया तब भी कहा, 'कोर्ट में गए हैं'। लोह पुरुष ने बाँधी मेंढ़कों की पाँचसेरी प्रश्नकर्ता : सरदार वल्लभ भाई पटेल तो बहुत ज़बरदस्त थे। दादाश्री : ज़बरदस्त पुरुष! प्रश्नकर्ता : और हिन्दुस्तान का कल्याण भी... दादाश्री : फॉरेन वालों ने कहा कि लोह पुरुष हैं! चर्चिल भी समझ गया कि वे लोह पुरुष थे और इन सभी राज्यों को पलभर में एक कर दिया। सभी फॉरेनर्स का यही मत था कि इस हिन्दुस्तान के राज्य कभी भी एक नहीं हो सकते। प्रश्नकर्ता : यदि सरदार नहीं होते तो नहीं हो सकता था। दादाश्री : नहीं! फॉरेन वाले क्या मानते थे यहाँ के राज्यों को कि ये तो मेंढ़क की पाँचसेरी जैसा होगा। मेंढ़क की पाँचसेरी बनानी हो न, तो नहीं बना सकते। क्योंकि यहाँ से डालें तो वहाँ से उस तरफ से कूदकर बाहर निकल जाते हैं। पाँचसेरी पूरी नहीं हो सकती। तो इन लोगों ने ऐसा माना था कि इन सभी राज्यों को बाँधते समय यहाँ पर इस तरफ बाँधेगे तो दूसरी तरफ वाले मुकर जाएँगे, निकल जाएँगे, और शांति से बैठे थे। ज़रा भी विचलित नहीं हुए लेकिन तब इन्होंने उन्हें बाप बनाकर मारा। हर एक स्टेट वाले से कहा 'मैं तेरा फादर हूँ'। ले, बाप बन गए। बाप बनकर गद्दी ले ली तेज़ी से। उनकी आँखों में जबरदस्त निर्ममत्व दिखाई देता था, शुद्ध। और निर्ममत्व ही परमात्मा हैं, उससे आगे अन्य किसी परमात्मा को कहाँ लेने जाएँ?
SR No.034316
Book TitleGnani Purush Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
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