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________________ [१२] 'मैं' के सामने जागृति अहंकार उत्पन्न हुआ यों... प्रश्नकर्ता : इगो को उत्पन्न करने वाला कौन है ? दादाश्री : इस जगत् में छः तत्व हैं। चेतन, पुद्गल (जो पूरण और गलन होता है), गतिसहायक, स्थितिसहायक, आकाश और काल। आत्मा का प्रवहन है। वह प्रवाह में बह ही रहा है। इस प्रवाह में इन पाँच तत्त्वों का दबाव आने से विशेष भाव उत्पन्न हो जाता है और अहम् उत्पन्न होता है। उसके प्रभाव से यह इगो उत्पन्न हो जाता है। ओन्ली साइन्टिफिक सरकमस्टेन्शियल एविडेन्स हैं। यह विज्ञान है। प्रश्नकर्ता : जब जीव निगोद में से आया, तब क्रोध-मान-मायालोभ और अहंकार नहीं थे, तो फिर जीव फँसा कैसे? मूलतः वे आए कहाँ से? किस कारण से आए? क्यों एक भी जीव अहंकार रहित नहीं दादाश्री : अहंकार तो रहता ही है, क्रोध-मान-माया-लोभ तो रहते ही हैं। प्रश्नकर्ता : अहंकार क्यों रहता है ? दादाश्री : अहंकार तो हर एक में रहता है, निगोद में तो पूर्ण रूप से घोर अंधकार ही था। प्रश्नकर्ता : क्या माया मूल रूप से इगो ही है? दादाश्री : इस तरफ देखा तो संसार (सर्जित) हुआ, माया व
SR No.034306
Book TitleAptavani 14 Part 1 Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages352
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
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