________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२९
हमें यह पक्का विश्वास होना चाहिए कि जीवन की आयु का न तो एक क्षण घटाया जा सकता है और न ही बढ़ाया जा सकता है। इसलिए बार-बार हमें यह कहा जाता है कि भगवान महावीर का निर्वाण का समय निकट जानकर इन्द्र भगवान के समक्ष उपस्थित हो प्रार्थना करने लगा- "हे प्रभु ! आपके जन्मकाल में जो उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र था, उस पर इस समय भस्मक ग्रह संक्रान्त होने वाला है जो कि जन्म-नक्षत्र पर दो हजार वर्ष तक रहेगा। अतः उसके संक्रमण काल तक आप आयु को बढ़ालें तो वह निष्फल हो जायेगा।"
भगवान ने कहा- इन्द्र ! आयु के घटाने-बढ़ाने की किसी में शक्ति नहीं है। ग्रह तो केवल आगामी काल में शासन की जो गति होने वाली है, उसके दिग्दर्शक मात्र हैं।
जब हम भगवान की वाणी को पूर्ण रूप से हृदयंगम कर लेंगे, तब हमें मृत्यु का भय कभी नहीं महसूस होगा।
मृत्यु और प्रचलित कुप्रथाएं मृत्यु आने पर वह व्यक्ति तो सबको छोड़कर चला जाता है। उसे परिवार से अथवा समाज से अब कोई लेना-देना नहीं है लेकिन मरने वालों के पीछे आज समाज
For Private and Personal Use Only