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श्रो अखिल भारतीय जैन विद्वत् परिषद्
उद्देश्य एवं प्रवृत्तियां 0 जैन विद्या के अध्ययन-अध्यापन, अनुसंधान, संरक्षण, संवर्धन, लेखन-प्रकाशन, प्रचार-प्रसार आदि में
सहयोग देना। - जैन विद्या में निरत विद्वानों, श्रीमन्तों, कार्यकर्ताओं
व संस्थाओं में पारस्परिक सम्पर्क व सामञ्जस्य स्थापित करना। 0 जनसाधारण को जैन धर्म, दर्शन, इतिहास, साहित्य, संस्कृति आदि से परिचित कराने के लिए समयसमय पर व्याख्यानमालाओं, शिविरों, संगोष्ठियों, निबन्ध आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन करना व सम्बद्ध साहित्य प्रकाशित करना। जीवन-निर्माणकारी सद् साहित्य का निर्माण एवं प्रकाशन करना।
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