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B 5.
%- - - - - - श्री हित विजय जैन ग्रन्थ माला पुष्प नं० १४
॥ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथाय नमः ॥
जगद् गुरु हीर निबन्ध
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लेखक : मेवाड़केसरी श्रीनाकोडातीर्थोद्धारक जैनाचार्यश्रीमद्विजय हिमाचल सूरीश्वर-शिष्य मुमुक्षु भव्यानन्द विजय
"व्या. साहित्यान"
प्रकाशक
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श्री हित सत्क ज्ञान मंदिर
घाणेराव (मारवाड़) वाया-फालना
वीर सं० २४८६ ) हीर स्व० सं० ( पांचवा संस्करण है
१००० विक्रम सं० २०१६ ) ३६७
सन् १९६३ ReceKIECPER CISHES
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