________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
धर्म और अधर्म का फल ।
गौतम पृच्छा
नमिउण नित्थनाहं, जाणतो तहा य गोयमो भयवं अबुद्भाण वोहणत्थं, धम्माधम्फलं पुच्छ । । ।
भावार्थ-तीर्थनाथ सर्वज्ञ भगवान ' श्री महावीरस्वामी'को नमस्कार कर गौतमस्वामी जानते हुए भी भव्यजीवों के हितार्थ धर्म
और अधर्म का फल इस प्रकार पूछते हैं । __ १ प्रश्न-हे प्रभो ! किस कर्म से जीव नरक में जाते हैं
उत्तर-गौतम! जो जीव एकेन्द्रिय देन्द्रिय आदि जीवों की हिंसा करते हैं, चुगलखोर
For Private and Personal Use Only