________________
(३८) (1) उत्पात असंख्याते वर्षके तीर्यच पांचेन्द्रिय पर्यासासे । (१) परिमाण-एक समय १-१-३ यावत संख्याते । । (३) संहनन-एक वज्र ऋषेम नारायवाला । (१) अवगाहना-ज० प्रत्यक धनुष्य, उ० छे गाउवाला। (१) संस्थान-एक समचतुस्त्र संस्थानवाला । (६) लेश्या-कृष्ण निलकापोत तेजसवाला । (७) दृष्टी एक मिथ्यात्व (८) ज्ञान नहीं मज्ञानदोय । (९) योग-तीनो योगवाला (१०) उपयोग दोनोवाला । (११) संज्ञा-च्यारों संज्ञावाला (१२) कषाय चारोंवाला। (१३) इन्द्रिय पांचोवाला (१४) समुद्धात तीन वे. क. म (१५) वेदना-साताअसातावाला (१६) मरणदोनो (१७) स्थिति ज. साधिक पुर्वकोड उ• तीन पल्योपम । (१८) मध्यवसाय असंख्याते प्रतस्थ अप्रसस्थ दोनों। (१९) अनुबन्ध बायुष्यकि माफिक ।
(२०) संभहो=भवापेक्षा ज० उ० दोष भव करे कालापेक्षा ज. सधिक कोड पूर्व और दश हजार वर्ष उ० छे पल्योपम ३-३-१॥ गमा नौ ।
ओघसे ओघ ? साधिककोडपूर्व १०००० वर्ष उ० ६ पल्यौ० ओघसे ज० ,, उ. ३ पल्या १०००० वर्ष । ओघसे उ० ,, उ० सधिककोड पूर्व ३ प० । ज. ओघ ,, उ० साधिककोड पूर्व ३ पल्यो ।