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________________ भूषणादि कीमती माल होवे, ऐसा उपाश्रय-मकानमें रहेना कल्पे नहीं । कारण अगर कोइ तस्करादि चोरी कर जाय तो साधु रहेनेके कारणसे अन्य साधुवोंकी भी अप्रतीति हो जाती है, इसलीये दुसरी दफे वस्ती (स्थान) मुश्केलीसे मिलता है। (२८) साधु साध्वीयोंको जो गृहस्थोंका धन, धान्यादिसे रहित मकान हो, वहांपर रहेना कल्पै ।। ___ (२६) साधुवोंको जो स्त्री सहित मकान होवे, वहां नहीं ठहरना चाहिये । (३०) अगर पुरुष सहित होवे तो कल्पै भी। (३१) साध्वीयोंको पुरुष संयुक्त मकानमें नहीं रहेना। (३२) अगर ऐसाही हो तो स्त्रीसंयुक्त मकानमें ठहर सके । भावार्थ-प्रथम तो साधु साध्वीयोंको जहां गृहस्थ रहेते हो, ऐसा मकानमें नहीं रहना चाहिये । कारण-गृहस्थसें परिचयकी बिलकुल मना है । अगर दूसरे मकानके अभावसे ठहरना हो तो उक्त च्यार सूत्रके अमलसे ठहर सके । (३३) साधुवोंको जो पासके मकानमें ओरतां रहेती हो ऐसा मकानमें भी ठहरना नहीं चाहिये। कारण-रात्रिके समय पेसाब विगेरे करनेको आते जाते बखत लोगोंकी अप्रतीतिका कारण होता है। ... (३४) साध्वीयों उक्त मकानमें ठहर सकती है। ... (३५) साधुवोंको जो गृहस्थोंके घर या मकानके बीचमें हो के आने जानेका रस्ता हो, ऐसा मकानमें नहीं ठहरना
SR No.034234
Book TitleShighra Bodh Part 16 To 20
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherRavatmal Bhabhutmal Shah
Publication Year1922
Total Pages424
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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