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उपवास पारणा कर तीन उपवास पारणाकर एक उपवास च्यार उप० एक उप० पांच उप० एक उप० छ उप० एक उप० सात उप० एक उप० आठ उप० एक उप० नव उप० एक० दश एक० इग्यारे० एक० वारह० एक० तेरह एक० चौदा० एक० पंदरा० एक० सोला उपवास इसी माफीक पीछा उतरतां सोला उपवाससे पक उपवास तक कीया । एक ओलीको साढाइग्यारे मास लागे और च्यारो ओलीको तीन वर्ष ओर दश मास काल लगा पारका भोजन जेसे रत्नावली तपकि माफीक यावत् शाश्वता सुखमे विराजमान हो गये इति । ९।।
इमी माकीक महासेण कृष्णा परन्तु इन्होंने आंबिल वर्द्धमान नामका तप किया था । यथा-एक आंविल कर एक उपवास दो आंबिल कर एक उपवास, तीन आंबिल कर एक उपवास एवं च्यार आंविल एक उपवास पांच आंबिल कर एक उप० छे आंविल एक उप० सात आंबिल इसी माफोक एकेक आंबिलकि वृद्धि करते हुवे यावत् नियाणवे आंबिल कर एक उपबास कर सो आंबिल कीये इस तप पुरा करनेको चौदा वर्ष तीन मास विसदिन लगा था सर्वसतरा वर्षकी दीक्षा पालके अन्तिम एक मासका अनसन.कर मोक्ष गया ॥१० ।। ____ यह श्रेणिकराजा कि दशों राणीयों वीरप्रभुके पास दीक्षा लि । इग्यारा अंगका ज्ञानाभ्यास कर, पूर्व वतलाइ हुइ दशों प्रकारकि तपश्चर्या कर अन्तिम एकेक मासका अनसन कर कर्मशत्रुका पराजय कर अन्तगढ केवली हो के मोक्षमै गइ इति ।
॥ इति आठवांवर्गके दशाध्ययन समाप्तम् ।। ...' इति अन्तगढ दशांगसूत्र का संक्षिप्त सार समाप्तम् ।