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सहर्ष निवेदन.
-+k@kश्री रत्नप्रभाकर बानपुष्पमाला ऑफीस फलोधीसे प्राज स्वन्प समय में ७० पुष्पोद्वारा १४०००० पुस्तके प्रकाशित हो चुकि है जिस्में जैन सिद्धान्तोंका तत्वज्ञान संचित सुगमतासे समजाया गया है वह साधारण मनुष्य भी सुख पूर्वक लाभ उठा सक्ते है पाठक वर्ग एकदफे मंगवाके - वश्य लाभ लेंगे.
पुस्तक मीलनेका ठीकाना.
मेनेजर
श्री रत्नप्रभाकर ज्ञानपुष्पमाला.
मुः-फलोधी-( मारवाड)