________________
(उ) सूत्रोंकि सेवा भक्ति पूजन पठन पाठन करनेसे जीवोंको जो संसारमें भ्रमन करानेवाला अज्ञान है उन्सोंकों निष्ट करता हुवा सर्वप्रकारका कलेसकों करकर आप समाधिमावसे उत्तम स्थान प्राप्त करता है ?
(२५) प्रश्न- श्रुतज्ञान पर एकाग्रमनकों लगा देनेसे क्या फल होता है।
(3) श्रुत ज्ञान पर एकाग्र चित्त लगा देनेवालेकों पाप वैपारों में जाते हुवे मनका निरूद्ध होता है नये कर्म नहीं बन्धते हैं पूर्व कर्मोकि निजरा होती है भविष्यमें निर्मल ज्ञानकि प्राप्ती होती है।
(२६) प्रश्न-सत्तरा प्रकार के संयम आराधन करनेसे क्या फल होता है ? .
(उ०) संयम (शत्रु मित्र पर समभाव) पालनेसे जीवोंके आश्रवरूपी नालासे नये कर्म आना बन्ध हो जाता है।
(२७) प्रश्न-बारह प्रकारके तप करनेसे क्या फल होते है ?
(उ०) तपश्चर्य करनेसे जीवोंके पूर्व कालमें संचय किये इवे कर्मोका क्षय होता है कारण तप है वह इच्छाका निरूद्ध करना है और इच्छाका निरूद्ध करना वहा ही कर्मोंकी निर्जर है .. (२८) प्रश्न-पुराणा कर्मोका क्षय होनेसे जीवोंकों क्या फल होता है ?
(उ०) पुराणा कर्माका क्षय होनेसे जीवोंकि मन्तः क्रिया होती है अन्तीम क्रिया होनेसे जीव अनन्तकालकि सौं : कोसे प्रीत थी उन्हीको तोडके मोक्षमें पधार जाते है।