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पूर्वोक्त रासीके अन्दर यह ६ बोल मीलाके ओर भी तीनवार वर्ग करना ओर वह वर्ग रासी हो उन्हीके अन्दर केवलज्ञान केवलदर्शनके सर्व पर्याय मीलानेसे उत्कृष्ट अनन्ते अनन्त होता है परन्तु लोकालोकमे एसा कोई भी पदार्थ नही है वास्ते शास्त्रकारोने यह सर्व को आठमा मध्यम अनन्ते अनन्तमे ही गीना है तत्त्वकेवलीगम्य ।
२१ बोलोकी संख्या. (३) संख्याते के तीन बोल जघन्य मध्यम उत्कृष्ट
(६) असंख्याते के नव बोल ( १ ) जघन्य प्रत्येक असंख्याते, (२) मध्यम प्रे० अ, (३) उ० प्र० अ०, (४) जघन्ययुक्ता असंख्याते, (५) म युक्ता असं०, (६) उ० यु० असं०, (७) जघन्य असंख्याते असंख्यात, (८) मध्यम असंख्याते असं० (६) उत्कृष्टासंन्याते असंख्यात इति.
(8) अनन्ते के नव बोल ( १ ) जघन्य प्रत्येक अनन्ता (२) मध्यम प्र० अनन्ते (:) उ० प्र० अनन्ते (४) ज० युक्ता अनन्ते ( ५ ) मध्यम युक्ता अनन्ते (६) उत्कृष्ट युक्ता अनन्ते (७) जगन्य अनन्ते अनन्ता (८) मध्यमानन्ते अनन्ता (६) 0 उत्कृष्टानन्ते अनन्ता इति.
॥ सेवंभंते सेवंभंते तमेव सच्चम् ॥