________________ 136 2 - x or or सकषाय गुणस्थान चरमान्त | 14 सवेद गु० च० व्रतीछमस्थ गुरु अप्रमत्त छद० हाश्यादि संयती हाश्यादि अप्रमत्त व्रती सकपाय व्रती सवेद व्रती छद्मस्थ सम्य० सवेद सम्य० सकषाय परभव जाता जीवमें wn 6 6 Cre swm G - - 2 9 9 9 9 222222222222 9 9 9 2 2 m mmmmmmmmmmm or or or ur ur 2 // सेवंभंते सेवंभंते तमेव सच्चम् //