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संवत् १९७७ कि शालमें मुनिश्री ज्ञानसुन्दरजी महाराज का चतुर्मासा फालोधी नगरमे हूवा था आपश्री का सदुपदेश से ज्ञानवृद्धि के लिये निम्न लिखत पुस्तके प्रकाशित हुई है.
१००० शीघ्रबोध भाग श्वा शाहा रेखचन्दजी लीद्यमीलालजी कोचर की तर्फसे
१००० शीघ्रबोध भाग १ शाहा हरिचन्दजी फुलचन्दजी कोचर की तर्फसे ( आवृति २ जी )
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१००० शीघ्रबोध भाग ८ वा शाहा अगरचन्दजी जोगराजजी लोढाकि तर्फ से.
१००० शीघ्रबोध भाग ६ वा शाहा सेसमलजी मीसरीलालजी गोलेच्छा तथा सुगनमलजी ढढाकी तर्फ से. ५००० सुबोधनियमावली अवृतिदुजी शाहा जुहारमलजी दीपचन्दजी वेदक तर्फ से.
४५०० द्रव्यानुयोग प्रथम प्रविशका शाहा घनसुखदासजी सकरणजी गोलेच्छाकि तर्फ से.
१००० हिंदी मेजकर नामो श्री रत्नप्रभाकर ज्ञान पुष्पमालाकि तर्फ से.
१००० त्रण निर्नामा लेखों का उत्तर श्री रत्नप्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला कि तर्फ से.
१००० आनंदघन चौवीशी शाहा अगरचन्दजी जोगराजजी लोढाकी तर्फ से.