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प्रकाशकमेघराज मुणोत
फलोधि (मारवाड)
॥ जलंदि किजिये ॥ श्री रत्नप्रभाकर ज्ञानपुप्पमाला संस्थासे स्वल्य समयमें आज तक ५० पुप्प प्रसिद्ध होचुके है कार्य चालु है ।
जैन सिद्धांतके तत्त्वज्ञान मय शीवबोध भाग १-२-३ - ४-५-६-७-८-९-१०-११-१२-१३-१४
हिन्दी मेझर नामो-२०३ आगमोका प्रबल प्रमाणसे ३१, विषयका प्रतिपादन किया गया है साथमें त्रनिर्नामा लेखों का उत्तर भी दिया गया है। किंमत फक्त आठ आना ।
द्रव्यानुयोग प्रथम प्रवेशिका खास पाठशालाओंमें पढ़ाने लायक है। पाठशालामें टीपल खरचासे ही भेजी जाती है । लिखो-श्री रत्नप्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला
मु० फलोधी-मारवाड़।
मुदकमूलचन्द किसनदास कापड़िया,
"जैन विजय" प्रिन्टींग प्रेम, सर्व खपाटिया चकला, लक्ष्मीनारायणकी वाड़ी-सूरत ।