________________
[७] (३) माया ,, सं० . (१) लोभ , , सं० (५) असमौईया सं० ..
(४) तिर्यचकी अल्पाय. (१) सबसे स्तोक मान समु• वाले (२) कोष समु० वाले वि. (३) माया , , वि. (४) लोभ , , वि. (१) असमोईया सं. .
(५) मनुष्यकी अल्पा (१) सवसे स्तोक अकषाई वाले (२) मान समु० वाले असं० गुणा (३) क्रोध , , वि. (४) माया ,, ,वि. (५) लोभ , , वि० (६) असमोईया सं०
सेवं भंते सेवं भंते तमेव सच्चम् ।
थोकड़ा नं० १९ श्री पन्नवणाजी सूत्र पद ३६
(छमस्त समुधात) छदमस्त समुद्घात छे हैं (१) बेदनी (२) कषाय (6)