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१४१ स जीवोमें
१४१ २६/३०३/१९८ ५१२/ तीन शरीरी एकान्त छन. १४ ४२२८८/१९८ ५४३, एकान्त असंयममें १४ ४३२८८/१९८ ५४४ प्र० श० एकान्त छा० ५४५ सम्य० तीर्यचके अलद्धियामें १४६ एकान्त छा० घणे भववालोमें | १४, ४८२८८/१६६ लि. गतिके प्र० स० मिथ्या० । | १२/ ४४३०३१८८
१४| ४८२८८/१९८ .५४६/ मिथ्या०प्र० शरीरीमें १४| ४४३०३१८८ १५० सम्य० नारकिके अलद्धिया १ ४८३०३/१६८
वि० गतिके मिथ्या० में . ५५३ एकेन्द्रिय पर्याप्तके अलद्धिया | १४| ३७३०३/१६८ ५५३, मिथ्यात्वीमें
। १४ ४८३०३/१८८ ५५४/ नौ ग्रीवैगके पर्याप्तके अलद्धिया ५५५ जीवोंके मध्यभेद स्पर्शनेवालोमें | १४ ४६३ ०३/१६० ५९६/ नरक पर्याप्ताके अलद्धियोंमें १९७ नि० गतिके प्र० शरीरीमें १२ ४४३०३/१९८ NG सीयेच पांचेन्द्रिय वैक्रयके अल० | १४ ४३/३०३/१६८ ५५६ प्रत्येक शरीरीमें
१४ ४४३०३१६८ | तेजोलेशी एकेन्द्रियके अल० । १४ ४५३०३/१९..