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________________ १५ ४७१ | उर्ध्व० तिर्य० के पांचेद्रियमें ४७२ प्रधो० तिर्य० एकान्त छद्मस्थमें ४७३ उर्ध्व ० तिर्य० के चक्षुइन्द्रियमें ४७४ उर्ध्व ० तिर्य० के एकान्तद्म० बादरमें ४७५ उ० तीर्थ० भागोन्द्रियमें उर्ध्व० तीर्य • तीन शरीरी घणा भववालो में ४७७ ० तीर्य त्रसमें ४७८ उर्ध्व० तीर्य ० तीन शरीरीमें उर्ध्व तीर्य • एकान्त संयममें एकान्त छद्म० प्र० शरीरी में ४८१ खि० गतिके प्रधो० तीर्य० प्र० "" ४८२ उर्ध्व ० तीर्य ० एकान्त झ० ० | २०/३०३/१४८ १४ ४८२८८|१२२ २२ ३०३१४८ घणा भववालो में ४८३ अधो० तीर्य० प्र० शरीरीमें १८४ उर्ध्व० तीर्य ० एकान्त बुझ० में स्त्रि गतिके धो० तीर्य० में ४८६ मुजपुरकि गतिके तीन शरीरी बादरमें ० ३८|२८८१४८ ० २४ ३०३ १४८ 0 ० ० शरीरी में १२ ४४ ३०३ १२२ ० १४ ४२२८८१४६ २६ ३०३ १४८ ४२२८८१४८ ४३२८८|१४८ ० ४४२८८ १४८ ४८|२८८१४६ ४४ ३०३ १२२ ४८२८८१४८ १२ ४८३०३ १२२ ४१२२८८ १६२
SR No.034232
Book TitleShighra Bodh Part 06 To 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherVeer Mandal
Publication Year1925
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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