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[५] अन्तरद्वार-भावि द्रव्यदेवको अन्तर ज० ११००० वर्ष उ० अनन्तकाल (वनस्पतिकाल)। नरदेव-ज०१ सागरोपम नाझरो और धर्मदेवको ज० प्रत्येक पल्योपम उ० नरदेव धर्मदेव दोनोंको देशोणी अर्द्ध पुद्गल प्र० । देवादि देवकों अन्तर नहीं है। भाषदेवकों ज• अन्तरमुहूर्त उ० अनन्तो काल ।
[६] अवगाहनाद्वार-भावि द्रव्यदेवको ज० आंगुलके असंख्यातमे भाग उ० हजार नोजन । नरदेव ज०७ धनुष्य । धर्मदेव ज. एक हस्त उणी। देवादिदेव ज०७ हस्त उ० तीनुकी ५०० धनुष्य । भावदेव ज· आंगु० असं० भाग उ०७ हस्तप्रमाण।
[७] गत्यागतिद्वार-यंत्रसे।
मार्गणा.
१ भाविभव्य द्रव्यदेवकी आगति |२८४
गति | १९८
२ नर
देवकी
आगति ८२
गति
३ धर्म
देवकी
आगति २७५
गति |७० आगति
* • • • | 3 | • • • 12 |•|• IETTE
४ देवादिदेवकी
____ गति मोक्ष
५ भाष
देवकी ,
आगति ११ गति | ४६ |
१६ | ३० ।