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संस्थान अलग २ की अपेक्षा घणा कुडजुम्मा, घणा तेउगा, घणा दावरजुम्मा प्रदेश अवगाह है। घणा चौरस संस्थान अलग २ की अपेक्षा (बवत् ) घणा कुखजुम्मा, तेउगा, कलयुग प्रदेश अवगाहा है, और अलग २ घणा आयतन संस्थान घणा कुडझुम्मा प्रदेश यावत् घणा कलयुगा प्रदेश अवगाहा है।
हे भगवान् ! एक परिमंडल संस्थान कालापेक्षा क्या कुरजुम्मा समयकी स्थितिवाला है ? यावत् कलयुगा समयकी स्थितिवाला है.१ गौतम स्यात् कुडजुम्मा समयकी स्थितिवाला है एवं यावत् स्यात् कलयुगा समयकी स्थितिवाला है। इसी तरह वट्ट, प्रस, चौरस और आयतन संस्थान भी चारों बोलोंके समयकी स्थितिवाला कहना । घणा परिमंडल संस्थानको पृच्छा, समुच्चय आश्रीय स्यात् कुडजुम्मा, एवं यावत् स्यात् कलयुगा समयकी स्थितिके कहने और अलग २ की अपेक्षा भी इसी तरह घणा कुडजुम्मा यावत् घणा कलयुगा समयकी स्थितिका कहना। एवं शेष वट्ट, बस, चौरस और आयतनकी भी व्याख्या परिम डलवत् करनी।
हे भगवान् एक परिमंडल संस्थान भावाश्रीय काला गुणके पर्यवापेक्षा क्या कुडजम्मा है ? यावत कलयुगा है? गौतम! स्यात् कुडजुम्मा यावत् कलयुगा है। एवं यावत् आयतन संस्थान भी समझना। घणा परिमंडल मंस्थानकी पृच्छा, समुआयाधीय स्यात् कुडजुम्मा यावत् स्यात् कलयुगा है, और अलग २ अपेक्षा घणा कुडजुम्मा है यावत् घणा कलयुगा है कहना। पचं यावत् आयतन संस्थान भी कहना। यह एक काले वर्णकी अपेक्षा कहा है। इसी तरह ५ वर्ण, २ गंध, ५ रस, ८ स्पर्शको पांचों संस्थानों कह देना ॥ इति ॥
॥सेवं भंते सेवं भंते तमेव सबम् ।।