________________
(३८)
शीघबोध भाग १ लो.
।
प्रभार एक दंडक
थोकडा नम्बर ५ चोवीस दंडकमेंसे कितने दंडक किस स्थानपर मिलते है. दडंक
स्थान प्रश्न किस जगह पावे )
नारकीमें पावे (प्र) दो दंडक ,, (उ) श्रावकमें पावे-२०+२१ मो (प्र) तीन दंडक ,, (उ) तिन विकलेंद्रियमें पावे-१७+१८+१९ मो (प्र) चार दंडक ,, (उ) सत्वमें पाये १२+१३+१४+१५मो (प्र) पांच दंडक ,, (उ) एकेंद्रियमें ,, १२+१३+१४+१५+१६ (प्र) छ दंडक ,, (उ) तेजीलेश्याका अलद्विआमें यांने जीस दंडकमें तेजोलेश्या न मले-१-१४-१५---१७-१८-१९ वा (प्र) सात दंडक ,, (उ) वैक्रियका अलद्विआमें ४ स्थावर ३ वि. (प्र) आठ दंडक ,, (उ) असन्नी में ५ स्थावर ३ वि० (प्र) नव दंडक ,, (उ) तिर्यचमें ५ स्थावर ४ त्रस (प्र) दश दंडक ,, (उ) भुवनपतिमें (प्र) अगीआर दंडक ,, (उ) नपुंसकमें १० औदारीक १ नारकी (प्र) बारहा ,, ,, (उ) तीच्छालोको १० भु० व्यंतर ज्योतिषी (प्र) तेरहा ,, ,, (उ) देवतामें (प्र) चौद ,, ,, (उ) एकंत वैक्रिय शरीरमें १३ वैक्रिय १ नारकी (प्र) पंदर , ,, (उ) ब्री वेदमें । (प्र) सोलह , (उ) सन्नि तथा मनयोगमें (प्र) सत्तरा ,, ,, (उ) समुच्चय वैक्रिय शरीरमें (प्र) अठारा ,,, (उ) तेजोलेश्याम ६ वर्जके (प्र) ओगणीस ,,, (उ) त्रसकायमें ५ स्थावह वर्जके (प्र) वीस ,, ,, (उ) जघन्य उत्कृष्ट अवगाहनावाला जीवोमें (प्र) एकवीस ,, , (उ) नीचा लोकमें ३ देवता वर्जके (प्र) बावीस ,, ,, (उ) कृष्णलेश्याम जोतीषी वि० वर्जके