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शीघ्रबोध भाग १ लो. (२९) व्रतोसे गीरजानेपरभी चेतजानेसे “ परम" अर-- णिकमुनिकी माफीक । (श्री आवश्यक सूत्र ) .
(३०) आपत्त आनेपरभी धैर्यता रखनेसे 'परम० ' खंधक मुनिकी माफोक । (श्री आवश्यक सूत्र )
(३१) जिनराज देवोंकि भक्ति और नाटक करनेसे जीवोंके ‘परम० ' प्रभावती राणीकी माफीक ( श्री उत्तराध्ययन सूत्र)
(३२) परमेश्वरकी त्रिकाल पुजा करनेसे जीवोंके 'परम०' शान्तिनाथजीके पुर्वभव मेघरथ राजाकी माफीक (शान्तिनाथ चरित्र )
(३३) छती शक्ति क्षमा करनेसे जीवोंके ‘परम०' प्रदेशी राजाकी माफीक ( श्री रायपसेनी सूत्र )
(३४) परमेश्वरके आगे भक्ति सहित नाटक करनेसे 'परम०' रावण राजाकी माफीक (त्रिषष्ठीशलाका पुरुष चरित्र)
(३५) देवादिके उपसर्ग सहन करनेसे 'परम० ' कामदेव श्रावककी माफीक ( श्री उपासक दशांग सूत्र)
(३६) निर्भाकतासे भगवानको वन्दन करनेको जानेसे परम' श्री सुदर्शन शेठकी माफीक (श्री अन्तगड दशांग सूत्र )
(३७) चर्चा कर वादीयोंको पराजय करनेसे 'परम' मंडुक श्रावककी माफीक (श्री भगवती सूत्र )
(३८ ) शुद्ध भावोंसे चैत्यवन्दन करनेसे जीवोंके 'परम०' जगवल्लभाचार्यकी माफीक ( पुजा प्रकरण )
(३९) शुद्ध भावोंसे प्रभुपुजा करनेसे जीवोंके ‘परम" नागकेतुकी माफीक ( श्री कल्पसूत्र )
(४०) जिनप्रतिमाके दर्शन कर शुभ भावना भावनेसे ‘परम०' आर्द्रकुमारकी माफीक ( श्री सूत्र कृतांग)