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द्वितीयो गगविवेकाध्यायः ४. सां.री सां नी नी धा सा सा
मा मामा
मा नी नी धा धा
मा
मा
मा
मा
मा नी नी नी धा मा सा
नी नी धा सा सा
क म जा
सा सा सा
नी धा सा सा सा सा
नी नी नी धा सा सा
म भ व म सा सा पा धा मा मा मा मा
-इत्याक्षिप्तिका।
इति रूपसाधारः।
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