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________________ ३१० संगीतरत्नाकरः [औ० (८) ४०निसमरिप,° मनिसरिप, निमसरिप, रिमनिसप, मरिनिसप, रिनिमसप, निरिमसप, मनिरिसप, निमरिसप, सरिपनिम, रिसपनिम,8° सपरिनिम, पसरिनिम, रिपसनिम, परिसनिम, सरिनिपम, रिसनिपम, सनिरिपम, निसरिपम, रिनिसपम, निरिसपम,6° सपनिरिम, पसनिरिम, सनिपरिम, निसपरिम, पनिसरिम, निपसरिम, रिपनिसम, परिनिसम, रिनिपसम, निरिपसम,° पनिरिसम, निपरिसम, समपनिरि, मसपनिरि, सपमनिरि, पसमनिरि, मपसनिरि, पमसनिरि, समनिपरि, मसनिपरि,8° सनिमपरि, निसमपरि, मनिसपरि, निमसपरि, सपनिमरि, पसनिमरि, सनिपमरि, निसपमरि, पनिसमरि, निपसमरि,°° मपनिसरि, पमनिसरि, मनिपसरि, निमपसरि, पनिमसरि, निपमसरि, रिमपनिस, मरिपनिस, रिपमनिस, परिमनिस,100 मपरिनिस, पमरिनिस, रिमनिपस, मरिनिपस, रिनिमपस, निरिमपस, मनिरिपस, निमरिपस, रिपनिमस, परिनिमस,' रिनिपमस, निरिपमस, पनिरिमस, निपरिमस, मपनिरिस, पमनिरिस, मनिपरिस, निमपरिस, पनिमरिस, निपमरिस.२० (९) सरिमधनि, रिसमधनि, समरिधनि, ममरिधनि, रिमसधनि, मरिसधनि, सरिधमनि, रिसधमनि, सधरिमनि, धसरिमनि,1° रिधसमनि, धरिसमनि, समधरिनि, मसधरिनि, सधमरिनि, धसमरिनि, मधसरिनि, धमसरिनि, रिमधसनि, मरिधसनि, रिधमसनि, धरिमसनि, मधरिसनि, धमरिसनि, सरिमनिध, रिसमनिध, समरिनिध, मसरिनिध, रिमसनिध, मरिसनिध,° सरिनिमध, रिसनिमध, सनिरिमध, निसरिमध, रिनिसमध, निरिसमध, समनिरिध, मसनिरिध, सनिमरिध, निसमरिध,° मनिसरिध, निमसरिध, रिमनिसध, मरिनिसध, रिनिमसध, निरिमसध, मनिरिसध, निमरिसध, सरिधनिम, रिसधनिम,0 सधरिनिम, धसरिनिम, रिधसनिम, धरिसनिम, सरिनिधम, रिसनिधम, सनिरिधम, निसरिधम, रिनिसधम, निरिसधम,७° सधनिरिम, धसनिरिम, सनिधरिम, निसधरिम, धनिसरिम, निधसरिम, रिधनिसम, धरिनिसम, रिनिधसम, निरिधसम, धनिरिसम, निधरिसम, समधनिरि, मसधनिरि, सधमनिरि, धसमनिरि, मधसनिरि, धमसनिरि, समनिधरि, मसनिधरि, Scanned by Gitarth Ganga Research Institute
SR No.034227
Book TitleSangit Ratnakar Part 01 Kalanidhi Sudhakara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSarangdev, Kalinatha, Simhabhupala
PublisherAdyar Library
Publication Year1943
Total Pages458
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Book_English
File Size220 MB
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