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Scanned by Gitarth Ganga Research Institute
संख्या
१ षाड्जी *
२
आर्षभी
३
गांधारी
४
५
६
७
जातयः
.
मध्यमा
पञ्चमी धवती * नैषादी *
षड्जकैशिकी *
षड्जोदीच्यवा
९
१०
११
१२ रक्तगांधारी
१३
कैशिकी
१४
१५
१६
१७
१८
सगमपध
रिधनि
सगमपनि
सरिमपध
कार्मारवी
गांधारपञ्चमी
रिप
श्रंशाः
रिध
निरिंग
षड्जमध्यमा
गांधारोदीच्यवा सम
सगप
समधनि
सरिगमपधनि
मध्यमोदीच्या प
सगमपनि
सगमपधनि
रिपधनि
प
रिगपनि
प
न्यासाः
स
रि
ग
म
55CE5
ध
नि
ग
म
सम
म
गपनि
भ
प
जात्यष्टादशक विमर्शनी
5
ग
अपन्यासाः
गप
रिधनि
सप
सरिमपध
रिपनि
रिमध
निरिंग
པ སྠ ལླཱ སྠཽ ཤྲཱ
सध
सरिगमपधनि
सध
आन्ध्री
नन्दयन्ती
* एताः षाड्जग्रामिकाः, अन्यास्तु माध्यमग्रामिकाः.
म
सगमपधनि
सध
रिपधनि
रिप
रिगपनि
मप
मूर्च्छना:
उत्तरायता
शुद्धषड्जा
पौरवी
कलोपनता
कलोपनता
अभिता
अश्वकान्ता
अश्वकान्ता
मत्सरीकृत्
पौरवी
कलोपनता
हारिणाश्वा
सौवीरी
शुद्धमध्या
हारिणाश्वा
सौवीरी
हृष्यका
पाढवद्वेषिस्वराः | श्रदुवद्वेषिस्वराः
नि
स
रि
ग
प
प
०
रि
स
स
सप
रिध
गनि
गनि
सप
सप
•
रिप
गनि
रिध
रिध
अनुबन्धः
२९७