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________________ २९६ संगीतरत्नाकरः मूर्च्छनानामबोधिनी २. १. उत्तरमन्द्रा २. रजनी ३. उत्तरायता ४. शुद्धषड्जा ५. मत्सरीकृत् ६. अश्वकान्ता ७. अभिरुदता षड्जनाम: ३ २ ४ ४ ३२ रि ग म प ध नि नि स रि ग म प ध ध नि स रि ग म प प ध नि स रिग म म प ध नि स रि ग ग म प ध नि स रि रि ग म प ध नि स मध्यमग्राम: १. सौवीरी २. हारिणाश्वा ३. कलोपनता ४. शुद्धमध्या ५. मार्गी ६. पौरवी ७. हृष्यका म प ध नि स रि ग ग म प ध नि स रि रि ग म प ध नि स स रि ग म प ध नि नि सरि ग म प ध ध नि स रि ग म प ध नि स रि ग म मूर्छनामेदाः म प ध षड्जप्रामे م له سه > १. शुद्धा २. काकलीकलिता स र ग सान्तरा तवयोपेता Naam Igawagawag म २ म प ४ प मध्यमग्रामे १. शुद्धा २. काकलीकलिता ३. सान्तरा ४. तवयोपेता Sarawa म पघ म प Scanned by Gitarth Ganga Research Institute
SR No.034227
Book TitleSangit Ratnakar Part 01 Kalanidhi Sudhakara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSarangdev, Kalinatha, Simhabhupala
PublisherAdyar Library
Publication Year1943
Total Pages458
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Book_English
File Size220 MB
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