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________________ १५ भूमिका धन्यवाद । ...इस भूमिकाको समाप्त करनेके पूर्व मुझे एक और कर्तव्यका पालन करना है। सबसे प्रथम मुझे डाक्टर सतीशचन्द्रजी विद्याभूarat धन्यवाद देना है जिनकी पुस्तकसे मैं इस भूमिकामें ऐतिहासिक अंश देनेमें सफल हुआ हूँ । यद्यपि हमने इस विषयके अन्य भी कई ग्रन्थ देखे, किन्तु उनसे कुछ भी विशेष लाभ न हो सका। दूसरे मुझे हिन्दू विश्वविद्यालयके फिलासोफीके प्रोफेसर तथा सहायक रजिस्ट्रार पं० इन्द्रदेव जी तिवारी एम० ए० को देना है जिनसे मुझ को समय २ पर योग्य सम्मति तथा अनेक प्रकारकी सहायता मिली है । वास्तव में आपकी सहायताके बिना मेरा काम अत्यन्त गुरुतर हो जाता । गवर्नमेन्ट संस्कृत कालेजके प्रिंसिपल तथा संस्कृत परीक्षाओके रजिस्ट्रार पं० गोपीनाथजी कविराज एम० ए० की सहायता का तो मैं अत्यन्त आभारी हूँ, जिन्होंने अपने अमूल्य समयको नष्टकर मुझे विविध प्रकारकी सहायता दी है। भदैनी, बनारस । ता० २८ जून १९२४ ई० । चन्द्रशेखर शास्त्री । काव्य साहित्यतीर्थाचार्य ।
SR No.034224
Book TitleNyayabindu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmottaracharya
PublisherChaukhambha Sanskrit Granthmala
Publication Year1924
Total Pages230
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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