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________________ १५. १६. १७. १८. १९. २०. २१. २२. २३. २४. २५. १. नृत्तकरणों का निरूपण २. ३. ४. ५. ६. मध्यस्थापनकट्टा चतुष्कोण निकुट्टिता त्रिकोणचारी तिरश्चीन कुट्टिता ७. ८. ९. १०. ११. १२. अनुलोमविलोमका प्रतिलोमानुलोमका पुरस्ताल्लुठिता पृष्ठलुठिता कुट्टिता पार्श्वद्वयचरी मध्यलुठिता करण और उनके भेद तलपुष्पपुट और उसका विनियोग वक्षःस्वस्तिक और उसका विनियोग नृत्तकरण प्रकरण / ग्यारह वर्तत और उसका विनियोग मण्डलस्वस्तिक और उसका विनियोग विषयानुक्रम लीन और उसका विनियोग उन्मत्त और उसका विनियोग वलितोरु और उसका विनियोग स्वस्तिक और उसका विनियोग अर्धस्वस्तिक और उसका विनियोग fertaस्तिक और उसका विनियोग पृष्ठस्वस्तिक और उसका विनियोग आक्षिप्तरचित और उसका विनियोग श्लोक संख्या ११०३ ११०४ ११०५-११०६ ११०७ ११०८ ११०९ १११० ११११ १११२ १११३ १११४-१११५ १११६-११३८ ११३९-११४१ ११४२-११४३ ११४४-११४७ ११४८-११४९ ११५० ११५१ ११५२-११५३ ११५४ ११५५-११५६ ११५७ ११५८-११५९ ११६०-११६२ पृष्ठ संख्या २८६ २८६ २८६ २८७ २८७ २८७ २८७ २८७ २८८ २८८ २८८ २९१-२९४ २९४ २९४-२९५ २९५ २९६ २९६ २९६ २९७ २९७ २९७-२९८ २९८ २९८-२९९ २९९ ४३
SR No.034223
Book TitleNrutyadhyaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshokmalla
PublisherSamvartika Prakashan
Publication Year1969
Total Pages514
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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