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राजस्थान पुरातन ग्रन्थमालाके कुछ ग्रन्थ
प्रकाशित ग्रन्थ
३ करुणामृतप्रपा - ठकुर सोमेश्वर
४ बालशिक्षाव्याकरण - ठकुर संग्रामसिंह . संस्कृत
५ पदार्थरत्नमञ्जूषा-पं० कृष्णमिश्र प्रमाण मारी-तार्किक चूडामणि सर्वदेवा- काव्यप्रकाशा संकेत-भद्र सोमेश्वर
चार्य प्रणीत। तीन व्याख्याओंसे समलंकृत। ७ वसन्तविलास - फागु काव्य २ यन्त्रराजरचना-जयपुर नरेश महाराज
८ नृत्यरत्नकोश- राजाधिराज कुंभकर्ण देव सवाई जयसिंह समारचित ।
९ नन्दोपाख्यान - संस्कृत और राजस्थानी ३ महर्षिकुलवैभवम् - विद्यावाचस्पति स्व. श्रीमधुसूदन ओझाविरचित।
१० रत्नकोश - विविधवस्तुसंग्रह विचारात्मक ४ तर्कसंग्रह-फकिका- पं० क्षमाकल्याण कृत।
११ चान्द्रव्याकरणम् - आचार्य चन्द्रगोमि ५ कारकसंबन्धोद्योत-पं. रभसनन्दिकृत। १२ स्वयंभू छंद - स्वयंभू कवि ६ वृत्तिदीपिका-पं० मौलिकृष्णभट्ट कृत। १३ प्राकृतानन्द - कवि रघुनाथ ७ शब्दरत्नप्रदीप - संक्षिप्त संस्कृत शब्दकोष। १४ मुग्धावबोध आदि औक्तिक संग्रह ८ कृष्णगीति- कवि सोमनाथकृत गीतिकाव्य। १५ कविकौस्तुभ-पं० रघुनाथ मनोहर ९ शंगारहारावलि- हर्षकवि विरचित। १६ दुर्गापुष्पांजलि -पं० दुर्गाप्रसादजी १० चक्रपाणिविजयमहाकाव्य - पं० लक्ष्मी- १७ दशकण्ठवधम् - , धरभट्ट रचित।
१८ कर्णकुतूहल नाटक ११ राजविनोद काव्य - कवि उदयराज रचित। १९ कृष्णलीलामृत काव्य १२ नृत्तसंग्रह-नाट्यविषयक पठनीय ग्रन्थ । ' १३ नृत्यरत्नकोश- महाराणा कुम्भकर्ण प्रणीत। राज्यस्थानी भाषाग्रन्थ १४ उक्तिरत्नाकर-पण्डित साधुसुन्दरगणी कृत। १ बांकीदासरी बातां- चारणकवि बांकीदास १५ कविदर्पण - प्राकृत छन्दोरचनात्मक ग्रन्थ । २ मुंहता नैणसीरी ख्यात- जोधपुरके १६ वृत्तजातिसमुच्चय - विरहाङ्क कवि कृत। मुंहता नेणसी लिखित १७ ईश्वरविलास महाकाव्य - पं० कृष्णभट्ट- ३ गोरा बादल-पदमिणी चउपई - जैन कविकृत।
यति कवि हेमरतन कृत राजस्थानी भाषा ग्रन्थ ४ राठोड वंशरी विगत - राठोडोंके १ कान्हड दे प्रबन्ध - कवि पद्मनाभ रचित। इतिहासकी कथाएं। २ क्यामखां रासा- मुस्लिम कवि जानकृत। ५ राजस्थानी साहित्य संग्रह - राजस्थानी ३ लावारासा- चारणकविया गोपालदानकृत। भाषा में लिखित विविध वृत्तान्त । प्रेसोंमें छप रहे ग्रन्थ
६ दाढाला एकल गिडरी बात - राजस्थानी
भाषाकी एक सरस प्रहसनात्मक रचना । (क) संस्कृत ग्रन्थ
७ सुजान संवत - कवि उदयराम रचित ' १ त्रिपुराभारती- लघुपंडित
८ चन्द्रवंशावलि-कवि मतिराम कृत २ शकुनप्रदीप - लावण्य शर्मा
९ राजस्थानी दूहा संग्रह इन ग्रन्थोंके अतिरिक्त अनेकानेक संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, प्राचीन राजस्थानी - हिन्दी भाषामें रचे गये ग्रन्थोंका संशोधन - संपादन आदि कार्य किया जा रहा है।
इसी तरह राष्ट्र - भाषा हिन्दीमें भी उच्च कोटिके ग्रन्थोंके प्रकाशनका आयोजन चल रहा है।
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