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XIV : संकेतावतरणानां संपादकेन समुपलब्धानां मूलग्रन्थानामकाराद्यनुक्रमः। पृष्ठाङ्कः
पृष्ठाङ्क: अनर्घराघव
१४५,२७४,२७७ बालरामायण (नाटक) १२५,१४८,२१९, अभिधावृत्तिमातृका १५,२२
२८०,३२२,३५१ भभिनवभारती
४१,४४,२२१
ब्रह्माण्डपुराण अभिज्ञानशाकुन्तल
१४९,१९८
बिहणकाव्य भमरकोश
२८८ भल्लटशतक
१९९,३५० अमरुशतक ९,४९,११३,१८०,३२३ भट्टिकाव्य
२६६ अलङ्कारसर्वस्व
२८७ भर्तृहरिवैराग्यशतक.
२०४,२०५ उद्भटकाव्यालङ्कारसारसंग्रह ८६,२२५,२६५, भामहकाव्यालङ्कार २०३,२८८,३२०,३३४ २९१,३४२ महावीरचरित
२१९,२२० औचित्यविचारचर्चा १७३,१८६ मानवश्रौतसूत्र
१०१ काठकसंहिता
मालतीमाधव कादम्बरी
१३० मीमांसादर्शन
९९,१०० काव्यमीमांसा १७९,१८३,१८४,१८५,१८६ मेघदूत
९३,१५४,२०० काव्यादर्श (दण्डिन्) २९,१५३,१७४,२०२, रघुवंश १०१,११९,१२६,१४९,१५१,१६४, . २४९,२५०,२५५,२६४,२६६,२६८,
२०६,२१९,२२७,२५५,२८८,३०४, २७४,३१६
३०५,३०८,३१७,३२९,३५१ किरातार्जुनीय १५४,१५५,२५०,२७१
४२,१९८,१९९,२९९,२२० कुमारसंभव २८,२९,५६,५७,८८,१४३,१५४,
रामायण २०५,२६६,२८५,२९६,३०२,
रुद्रटकाव्यालङ्कार ११३,१३३,१७२,१८३, ३०३,३०६,३०८,३१६
२२३,२३४,२३८,२४०, कुट्टनीमत
२४९,२५०,२८८,२९८, तंत्रवार्तिक १६,१००,१०१
३१२,३३१ दशरूपक १८०,२१८,२१९,२२१ वक्रोक्तिजीवित
१३५,१५२,३०२
वामनकाम्यालङ्कारसूत्र १२३,२०५,२०७,२२७ देवीशतक
२३६,२४० विक्रमोर्वशीय
११६,१७२ द्रोणपर्व (महाभारत)
२५३
विद्धशालभञ्जिका १३१,१८६,२८५,३३९ ध्वन्यालोक १,१०,६६,७९,८३,१०३,१९६,
वेणीसंहार ७९,१३०,१३८,२०३,२१८
व्यक्तिविवेक नवसाहसाङ्कचरित
१२१,१२५,१३१,१५१,१५४, २६५,३२५ नागानन्द १३८,१९०,२१९
३०२,३५१ नाट्यशास्त्र ४०,५१,५२,१५९,१८०,१८१,
शिशुपालवध १६,११६,१४९,१५३,१५४, १९५,२०५,२१३,२१४,२१५,
१५८,१६७,१७९,२४९, २१६,२१७,२१८,२२१,२२५
२९९,३५०,३५१ पद्मप्राभृतक (चतुर्भाणी)
२०८ श्लोकवार्तिक .
२,९७,१०७ पाणिनीयाष्टाध्यायी
२२६
सुभाषितावली ७९,१४२,१७७,१९९,२२४, पाणिनीयशिक्षा
२८
२२८,२४२,३०३,३२१,३२६ पातालमहाभाष्य
१३
सूर्यशतक प्रियदर्शिका
२१९
हर्षचरित
रत्नावली
"
(धनिक)
२०४
३५०