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________________ 84] संकेतस्थविशिष्टशब्दानामकाराद्यनुक्रमः पृष्ठाङ्कः पृष्टाङ्क: १८४ १८४ १८५ १८४ २४९ .२३२ १८४ १८४ १८४ १८४ घुरी (वाद्य) चकोर (गिरि) चक्र (काव्यप्रकार) चक्रक (यमक)(काव्यप्रकार) चतुःषष्टि (गीतनृत्तनाव्यचित्र कर्मादिका) चन्द्रभागा (नदी) चन्द्राचल (गिरि) चमर (उत्पाद) चम्पू (वासवदत्तादिवत्) चातुर्वर्ण्य चारी (नृत्त) चारुदत्त २१२ १८४ १८४ १८४ १८४ १८४ २१२ १८४ १८४ १८४ २५४ १८४ १८०,१८७,२२१ १८४ १८४ १८४ १०१,१३६ ६० किंपुरुष (वर्ष) कीरत् (जनपद) कुङ्कुम (उत्पाद) कुण्डल (जनपद) कुभूत (,) कुमारीद्वीप कुलक (काव्यभेद) कुहू (नदी) कृष्णवेणी (नदी) केकय (जनपद) केरल (जनपद) केशव कैशिक (जनपद) कैशिकी (वृत्ति) कोकण (जनपद) कोल्लगिरि कोसल (जनपद) ऋथ (जनपद) क्षुद्रकथा (कथाभेद) खड्ग (यमक) खड्गादिसन्निविष्टत्व खण्डकथा खण्डिता (नायिका) खजूर (उत्पाद) गङ्गा (नदी) गन्धर्व (द्वीप) गर्भ (यमक) गभस्तिमत् (द्वीप) गाङ्ग (देश) गिरिनगर गीत (कला) गीतविरुद्ध गुग्गुल (उत्पाद) गेय (काव्य) गोदावरी (नदी) गोवर्धन गौरी प्रन्थि (उत्पाद) चित्तवृत्तिविशेष (रसादि) चित्र (कला) चित्रकर चित्रकलाविरोध चेरल (जनपद) चेष्टाविशेष-रसोचित (वृत्ति) २१२ २४७ २४६ चैत्र १८४ २२५ १८५ १८४ २२५ २११ ११ १८४ १८४ १८४ २३० १८४ १८३,१८४ १५८ १८४ १९२ १८४ १८४ १८४ ५,१५७ [चोड (जनपद) छेकानुप्रास जनक जनपद जम्बूद्वीप जाति (अष्टादश) जालन्धर (गिरि) जिन (दन्तक्षत) ज्येष्ठा (नायिका) डिम (रूपकप्रकार) तङ्गण (जनपद) तपस् तपस्य ताण्डव (नृत्त) तापी (नदी) ताम्रलिप्त (जनपद) ताम्रपर्णी (नदी) ताम्रपर्ण्य (द्वीप) अवण (जनपद) २१३ १८४ १८५ १८५ १५९ १८४ १८४ २२१ १८४ १८४ १५९ १८४ १८७ १८५ . .१८४ ग्राम्य १८४ ग्रीष्म
SR No.034219
Book TitleKavya Prakash Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMammatacharya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1959
Total Pages232
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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