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डम्बरः
3.१०] काव्यप्रकाशवाचनीयाः पाठान्तराणि
[25 399 0 एसो . .
435 B. C. रुचे 400 B. C. जलणिही
436 B. C. °ल्लासिनि 401 0 ण किमओ
437 B. C. मे 402 B प्रतीतिरियम
438 B सिञ्जा प्रतीतेरियम
439 c इत्यपुष्टा 4030 रुद्धाशमविशीर्ण
440 B पुष्टार्थतयैवानु° 404 B उत तद्वदनस्य
441 c अत्र शृङ्गारे 405 B चैत
442 C 406 B अथैतयोः
443 0 क्तरित्या 407 B °मानहसितद्युति
444 B. C. नुप्रासोऽत्र 408 B इत्युपमायां
4450 तैव वृत्ति 409 B. C. साधकम्
446 B यमनप्रयुक्तत्वं 410 B omits शशिनिअंबाधकता 447 C चेतः प्रसभं स 411 B भ्युद्गत इत्य°
448 B °पमानगतस्य जाति 412 B. C. कस्य साधक
449 c °गतन्यूनत्व 413 B पर प्रेयसी
450A पदतां च 414 A, B. omit आनन्द:"सुरस्य
B. C. पदत्वं च c has first two lines as 451 B मिव ते नाभिस्तनौ भानन्दमन्थरपुरंदरमुक्तमाल्यं
4520 प्रतीयमानेन धर्मेण मौलौ हठेन निहितं महिषासुरस्य 453 B drops stra 415 B सिंजि.
454 A. B. लिङ्गवचसोः - 416 B सिंजि.
455 B. C. रनध्यैः 417 B. C. बाधकम्
456 A. B. इवेति
c drops इति 418 B विध्युपसंमर्दिनो
457 B 419 B.C. अभिन्ने एव पदे ।
भेदेन न तथा
458 B रूपतया न विश्रान्ति 420 0.. स्फुटतया
459 B वपि भिनप्रक्रम 421 B व्यवस्थिततां
460 B. C. परभागस्या 422 B omits च
461 B. C. कश्चित्का 423 B. C. त्रिप्रकार एव
462 B. 0. अवगम्यते 424 B पुनरेष प्रतिनियमो
463 B सत्यवादीति । तत्र 4250 यदीयान्वयव्यतिरेकावनुविधते
464 B drops सत्यवाद्ययं 426 B व्यवस्थित इति
सत्यवाद्ययं सत्यं 427 B. C. भासः
465 B न च 428 B . न्यासादयोपि द्रष्टव्यः
466 B रयिपौषं 429 A
467 0 °ष्ठिर इव सत्य' 4300 वाच्यालंकारमध्ये
468 B सत्यवचने सत्य 431 B. C. परस्परव्यति°
469 B वस्तुतस्तुप्रतीतिविघातादिति 4320 प्वन्तः भवन्तीति
470 B गृह्णाति 433 B पुष्टार्थतां
471 B. C. निपेतु 434 B नातिकामंति
472 B संभावनायां ध्रुवे का०प्र०4
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प्रष्टव्याः