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________________ राजस्थान पुरातन ग्रन्थमाला राजस्थान राज्यद्वारा प्रकाशित सामान्यतः अखिल भारतीय तथा विशेषतः राजस्थान प्रदेशीय पुरातनकालीन . संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, राजस्थानी, गुजराती, हिन्दी आदि भाषानिबद्ध विविध वाङ्मय प्रकाशिनी विशिष्ट ग्रन्थावली प्रधान संपादक पुरातत्त्वाचार्य, जिन विजय मुनि [ ऑनररी मेंबर ऑफ जर्मन ओरिएन्टल सोसाइटी, जर्मनी ] सम्मान्य सदस्य-भाण्डारकर प्राच्यविद्या संशोधन मन्दिर, पूना; गुजरात साहित्य सभा, अहमदाबाद ; विश्वेश्वरानन्द वैदिकशोध संस्थान, होशियारपुर, पाब; निर्वृत्त-सम्मान्य नियामक (ऑनररी डायरेक्टर)- भारतीय विद्याभवन, बंबई; प्रधान संपादक-गुजरात पुरातत्व मन्दिर ग्रन्थावली; भारतीय विद्या ग्रन्थावली; सिंघी जैन ग्रन्थमाला; जैन साहित्यसंशोधक ग्रन्थावली;-इत्यादि, इत्यादि। ग्रन्थांक ४७ भट्ट सोमेश्वरविरचित-काव्यादर्शसंकेत-संयुक्त मम्मटाचार्यकृत का व्य प्रकाश द्वितीय भाग [विस्तृत प्रस्तावना-पाठभेद-परिशिष्टादि] . प्रकाशक राजस्थानराज्याज्ञानुसार संचालक, राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान (राजस्थान ओरिएन्टल रीसर्च इन्स्टीट्यूट) __ जो ध पु र (रा ज स्था न) विक्रमाब्द २०१५ । राष्ट्रीय शकाब्द १८८० । राज्यनियमानुसार सवाधिकार सुराक्षत "
SR No.034219
Book TitleKavya Prakash Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMammatacharya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1959
Total Pages232
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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