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________________ १८२ ] ५ - जिनेन्द्र स्तवादि गुणगुम्फित मोहनमाला' (आ० ४, सं. २००९) ६- सुजस वेली भास (स० २००९ ) ७- कल्पसूत्र सुबोधिका टीका सहित, प्रति के आकार में कतिपय उपयोगी विशेषताओं के साथ, (सं० २०१०) ८- ऋषिमण्डल स्तोत्र ( लघु और बृहत् ) १६ पृष्ठात्मक तथा १०२ पाठ-भेदों के सहित का संशोधन, ३२ पृष्ठात्मक की दो प्रवृत्तियाँ, (सं. २०१२, २०१७ तथा २०२३) ६- यशोविजय स्मृतिग्रन्थ (सं० २०१३) १०- ऐन्द्रस्तुति सटीक ( सं. २०१८ ) ११- यशोदोहन (सं० २०२२) (४) संयोजित और सम्पादित कृतियाँ १- यक्ष-यक्षिणी चित्रावली (२४ यक्ष और २४ यक्षिणियों के जयपुरी शैली में चित्रित एकरंगी चित्र) (सं० २०१८) २-संवच्छ प्रतिक्रमणनी सरल विधि, अनेक चित्रसहित (आसन और मुद्राओं से सम्बन्धित ३२ चित्रों के साथ) (सं० २०२८) तथा ४० चित्रों के साथ (सं० २०२९) ' ३- प्रतिक्रमण चित्रावली) केवल चित्र तथा उनके परिचय सहित सं० २०२८) (५) संशोधित कृतियाँ १-जगदुद्धारक भगवान् महावीर' २-नवतत्त्व दीपिका ३- नमस्कार मन्त्रसिद्धि ४-भक्ताभर- रहस्य ५ - ऋषिमण्डल श्राराधना (६) प्रेरित कृतियाँ १- षट्त्रिंशिका चतुष्कप्रकरण २-नवतत्त्व-प्रकरणम् सुमङ्गलाटीकासहितम् ३- धर्मबोध ग्रन्थमाला ४ - जैन संस्कृत साहित्यनो इतिहास, भाग १-२-३ ५-यशोदोहन १- बृहत्संग्रहणी भाषान्तर २-भुवन विहार-दर्पण ३- जगदुद्धारक भगवान् महावीर (७) निम्नलिखित कृतियों की प्रस्तावनाएं 2. इसकी द्वितीय प्रवृत्ति सं. १६८१ में प्रकाशित करवाई गई थी। २. इस कृति का हिन्दी अनुवाद भी तैयार है जो शीघ्र ही प्रकाशित होगा । (सं० २०२०) (सं० २०२२) (सं० २०२३) (सं. २०२७) (सं. २०२८) (सं. १९६०) (सं. १९९०) (सं. २००८) (सं० २०१३, २०२५ तथा २०२६) (सं. २०२२) (सं. १६CC) (सं. २०१७)
SR No.034217
Book TitleKavya Prakash Dwitya Trutiya Ullas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashovijay
PublisherYashobharti Jain Prakashan Samiti
Publication Year1976
Total Pages340
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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