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________________ - । शब्द मत्रांक शब्द सूत्रांक | शब्द सूत्रांक शब्द सूत्रांक ६१८ ८२६ २०० जाय जायु ५० जाल्म ७७३ जिगन्तु जप्र जम् जम्बाल जम्बीर जम्बुक जम्बू जम्भ जम्भा जय जयन "जयन्त Kा डमर तनू तन्त तन्तिडीक तन्तु तन्त्र तन्त्रि तन्त्री तन्द्रा तन्द्री तन्यतु . ४५१ ६०७ ७११ ३६६ ७११ ४०३ | झर झरी झर्भरीक ३४६ / झरीका ७६२ टिट्टिभ ७६२ डहर डामर २६१ डिण्डिम ३३६ | डिण्डीर २७८ | डिपत् ५१३ डिम्ब ढक्का ३६२ तक्मन् ७६५ ९०६ जिगन्नु | जित्वन् ३२७ | जित्वरी ३६७ | जिन २६६ | जिह्म २२१/ जिहियाण २२१ | जिह्वा | जीमूत ४०२ W तपस् ९५२ जयन्ती W" ५६६ २१६ 'जयि जरठ २७ जरण्ड जीरदानु ६८ 9 १७३ २१६ तक्र जरन्त 9 जीवि जील U० २०७ तपस तपुस् तमक तमङ्ग तमत तमस् तमस तमसा तमाल तक्षन् जरायु ६५२ तगर ama WW ५६६ २२० ४७५ MY जरुट जरुड जरूथ जरूष जर्जर जर्जरी जर्जरीका ३६७ तमि तङ्कि तङ्गण तट तटाक तडाक तडाग तडित् MY ।७८२ ४८६ तम्बूल तर ७७२ W ६६४ तरक्षु जर्ण २० तण्ड २७८ तण्डाल जीवथ जीवन्त २३६ जीवन्ती ५६० जीवर | जीवातु जीवेगु ४७ | जीवि १८२ जुघुषु २०० जुहुराण -२० जूणि जेसर जैत्र जैवातृक ७८६ | जैवातृका ७०५ ज्ञाति .. १८. | ज्योतिरिक्षण ज्योतिस् ज्योन्ताक ८६० । झज्झा U W 2UXxx m W US O तरङ्ग तरट तरड तरण तरणि ....५४५ तण्डुल १४२ १७१ १८७ ६३८ १७३ २२१ ४३३ ४४७ तत जत. जलधर जलाष जलूका जसुरि जहक जह नु जागवि जाजलि जाण्ट | तरण्ड M तद ८६५ तनय १६० तनाल | तरन्त | तरन्ती ३६५ तरल ४७५ तरस् ७१६ | तरि ४६१ तरी ११७ | तरीष ४६५ ६५२ ६०६ ९६१ ३७ १३७ | तनुस् तनु तनुत्र जानु जामात ७११ Aho! Shrutgyanam
SR No.034212
Book TitleUnadigana Vivrutti
Original Sutra AuthorHemchandracharya
Author
PublisherLavanyasurishwar Gyanmandir
Publication Year1968
Total Pages132
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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