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वृक्ष वनस्पति मय और विस्रसा परिणाम वाले जानना चाहिये देवाधिष्ठित नहीं। प्रश्न ३६:-कुक्कुट ( मुर्गा ) और मयूर के मस्तक पर रही हुई
शिखा सचित्त है, अचित्त है, अथवा मिश्र है ? उत्तर :-कुक्कुट की शिखा सचित्त एवं मयूर की शिखा मिश्र है।
इस सम्बन्ध में प्राचाराङ्ग सूत्र के द्वितीय श्र तस्कन्ध
की पीठिका में कहा है कि - " तत्र चूडाया निक्षेपो नामादि षड्विधः, नामस्थापने क्षुण्णे, द्रव्य चूडा व्यतिरिक्ता सचित्ता कुक्कुटस्य, अचित्ता मुकुटस्य चूडामणि मिश्रा मयूरस्य, क्षेत्र चूडा लोक निष्कुटरूपा कालचूडाऽधिकमासस्वभावा ।" -शिखा के नामादि निक्षेप छः प्रकार के हैं। इनमें नाम एवं स्थापना निक्षेप सरल हैं । अतएव द्रव्य चूडाव्यतिरिक्त में कुक्कुट की शिखा सचित्त एवं मयूर की शिखा मिश्र होती है। इसी प्रकार क्षेत्र शिखा लोक निष्कुटरूप एवं कालशिखा अधिक मास रूप होती है। प्रश्न ३७:-असुर कुमारादि के शरीर का वर्ण एवं चिह्न आदि
का स्वरूप तो संग्रहणी आदिक में स्पष्ट रूप में कहा गया है, किन्तु ज्योतिषी देवों के शरीर का वर्ण किस प्रकार का है एवं इनके मुकुटों में कौन कौन से चिह्न हैं ?
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