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________________ [८५] रमेसे निकली है। इतना ही हमारा वक्तव्य है। इन ट्रॅकोके अलावा-नेमिनाथ ढूंक १ मानसिंह भोजराज ट्रंक, अंबिकामाता ढूंक मेरकवशी ४ तीसरी ट्रॅक ५ चौथी ढूंक ६ पांचमी ढूंक ७ का. लिका ट्रॅक ८ इनके अतिरिक्त राजीमती फुफा वगैरह अनेक गुफाओं सहसावन वगैरह अनेक वण, हस्ति कुंड आदि अनेक कुंड । अनेकानेक अपूर्व वृक्ष । अनेकानेक झरणे । अनेकानेक लताों। अनेकाने खनियें । अनेकानेक तापसाश्रम । ध्यान लगानेकी जगह । योगाभ्यासके स्थान, हवाखानेके कूट । अनेक औषधियां, अनेक रत्र, अनेक मणि, अनेक जडी, अनेक बूटी, अनेक रस कुंपी । अनेक चरणपादुका । अनेकानेक पूर्वपुरुषोंके स्मारक चिन्ह, यहां उपलब्ध हो रहे, हैं अनेक प्रशस्तियां, अनेक शिलालेख अनेक लिपी । अनेक दानपत्र साम्रपत्र-प्रतिमालेख-यहां इतिहासकी त्रुटिके पूरण करनेवाले विद्यमान है। अनेक जातिके वृक्ष । अनेक तरहके फूल । Aho! Shrutgyanam
SR No.034195
Book TitleGirnar Galp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitvijay
PublisherHansvijay Free Jain Library
Publication Year1921
Total Pages154
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size5 MB
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