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| राम ॥ सु० ॥ बाप तणां लक्षण घर्णारेि ॥ सा० ॥ देवे मली पूब्यो ताम ॥ सु० ॥ ७ ॥ सुत साधुं तव उंचरेरे ॥ सा० ॥ सोम तो हुं पुत्र ॥ सु० ॥ सुर सघला जाणे सहीरे ॥ | सा० ॥ इणी जननीए प्रसूत ॥ सु०॥ ॥ सोम सूत सहुए कहेरे ॥ सा०॥ जाराजात वली नाम ॥ सु० ॥ बुधवार बुद्धि श्रागलोरे ॥ सा० ॥ पुराण प्रसिद्धो ताम ॥ सु० ॥ १० ॥ चंद्र तणां लक्षण एवांरे ॥ सा० ॥ जाणे बाल गोपाल ॥ सु० ॥ एद पासे केम मूकीएरे ॥ सा० ॥ पुत्री छाया बाल ॥ सु० ॥ ११ ॥ तापसी कहे तापस सुणोरे ॥ सा० ॥ इंद्र अपूरव श्राज ॥ सु० ॥ तेह पासे पुत्री मेलीनेरे ॥ सा० ॥ पढी कीजे निज काज ॥ सु० ॥ १२ ॥ तापस कहे सुण कामनीरे ॥ सा० ॥ इंद्र तणो व्यभिचार ॥ सु० ॥ पुराण प्रसिद्ध जाणे सहुरे ॥ सा० ॥ कहेशुं ते विचार ॥ सु० ॥ १३ ॥ गंगा नदी बे निर्मलीरे ॥ सा० ॥ तापस वसे तिहां सार ॥ सु० ॥ गौतम ऋषि सहुमां वमोरे ॥ सा० ॥ अहिल्या तणो जरतार ॥ सु० ॥ १४ ॥ एक वार स्वर्गद थकीरे ॥ सा० ॥ इंद्र सुरासुर | राय ॥ सु० ॥ विमान बेसीने यवीयोरे ॥ सा० ॥ वांदवा ऋषिवर पाय ॥ सु० ॥ १५ ॥ अहिल्या दीवी तिहां रुयमीरे ॥ सा० ॥ रूपे करी रंजा समान ॥ सु० ॥ देखी इंड विवल वोरे ॥ सा० ॥ लाग्यां अंग कामनां बाण ॥ सु० ॥ १६ ॥ रूप रची तेणे