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कुसुमपूजायां कुसुमशेखरकथा
HISTLESSEL
रणे रीण दुनिरिक्खो ॥ २९ ॥ सर्वतेउरतरुणीपहुत्तपयवीपइट्ठिया जाया। तस्सत्थि हत्थिमंथरगइगमणा रयणमालत्ति ॥ ३० ॥ चित्तव चित्तवासा अमुक्कपासा सकीयछायव । निययप्पयइव सया जा दुम्मोया मणायंपि ॥ ३१॥
ताणस्थि तारतारुनललियलायन्नपुन्नसबंगी। अंगीकयसयलकला कन्ना रयणावली नामा ॥ ३२ ॥ पीयाए सुराए हाइव दिहाएवि जीए होइ उम्माओ । तरुणाण विवेईणवि अविवेईणं तु का गणणा ॥ ३३ ॥ सा जत्थ जत्थ कीला
करणकए जाइ रूवविजियरई ॥ गच्छंति तत्थ तत्थय परवसा सेवयत्व नरा ॥ ३४ ॥ कइयावि मयंकमुही सहीजुया |सा सुहासणासीणा। सियछत्तचलिरचमरालंकरिया निग्गया नयरा ॥ ३५ ॥ पत्ता य मत्तमहुयरनामे सिसिरहुमम्मि आरामे । दहण मयणभवणं उत्तिन्ना जा विसइ तत्थ ॥ ३६॥ ता नियइ रंगमंडवगवक्खभद्दासणट्ठियं एकं ।। रायकुमारं मयणं व निग्गयं भवणगब्भाओ॥ ३७॥ करकलियकेलिकमलं नियरूवनियंबिणीजणियमयणं । सुसि|णिमुद्धदीहच्छिजोण्हधवलीकयग्गनहं ॥ ३८ ॥ तं पेच्छिउं मयच्छी चिंतइ को एस दीसइ महप्पा । अञ्चब्भुयरूव
धरो सिंगारी चारुतारुन्नो ॥ ३९ ॥ नूणं पञ्चक्खोच्चिय एसो धम्मो इमाउ संजायं । जं मज्झ अणिमिसत्तं सहसत्ति | निरंतरायसुहं ॥ ४०॥ पुत्वभवुप्पन्नमहापुन्ना रायेण तीए फलियत्वं । तूलिब अंगसंगं इमस्स जा पाविही बाला ॥४१॥ सच्चिय जयप्पवित्ता विलसन्तसुवन्नरयणरमणीया । जा मुद्दियत्व लहिही करगहणमिमस्स सुहयस्स ॥ ४२ ॥ सच्चियउत्तमगमणा विन्भमरहिए सुपत्तरसजाए। रमिही इमस्स जा माणसे सया रायहंसिव ॥४३॥ इय चिंतती जायासमसज्झससेयकंपकलियंगी । पक्खलियपया पविसइ अविइण्हं तं पलोयंती ॥४४॥ वरदाणपरंपि मम मुत्तुमिमा नियइ अन्नमइनेहा । इय चिंतिय कुविएणव कामेण सरेहिं पहया सा ॥ ४५ ॥ मयणेण नडिजंती थिरसरलसिणिद्धबंधुरच्छीहिं । सच्चविया असरिसरुवहरियहियएण कुमरेण ॥ ४६॥ एयाए अहो रूवं मोहइ मणमवि
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