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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ३ एकानेकात्मिकायै नमः । नानारूपिण्यै "P .„ 1. " " 2.0 " 30 JA 2.4 20 20 " पुत्रमित्रकलत्रादिबंधु सर्वस्व पण्यै.. | • मंत्रस्तोत्रमहायंत्रव्रजादि पुष्टिकात्मिकायै । ... 20 20 www.kobatirth.org a w अर्धा गनेश्व शिवशक्तिमय्यै नित्यशृंगारैकरसप्रियायै तुष्टापुष्टापरिच्छिन्नायै..। नित्ययौवनमोहिन्यै ६ समस्त देवतारूपायै सर्वदेवाधिदेवतायै देवपितृसिद्धादियोगिनीभैवात्मिकायै । ." • मणिद्विपांतर प्रोद्यत्कदंब वनवासिन्यै M ul निधिसिद्धिमणिमुद्राशस्त्राद्यायुध भासुरायै..। छत्रचामरवादित्रपताका व्यजनान्वितायै 1 हस्त्यश्वरथपादादि मातृसेनेश सेवितायै । पुरोहितकुलाचार्यगुरुशिष्यादिसेवितायै"। सुधासमुद्रमध्योद्यत्सुरद्रमनिवासिन्यै । 20 3.9 ८१ । ३ चिन्तामणिगृहान्तस्थायै नमः । महामण्डलमध्यगायै रत्नसिंहासनप्रोद्यत् शिव मंचाधशायिन्यै 1 30 सदाशिव महालिंगमूलसंस्पृष्टयानिकायै । अन्योन्यलिंग संघर्ष 90 M कंडू संक्षुब्धमानसायै । कलो द्विदु कार्याद्यानादपरंपरायै नादांतानंद संदोह स्वयंव्यक्तवचोमृतायै । कामराजमहातंत्र रहस्या 20 चारदाक्षणायै १० मकारपंचकाभूतप्रौढांतो ल्हास सुंद श्रीचक्रराजनिलयायै D " AD 20 ." 30 "P 9 RO 10 29 " 3.0 L 10 28 W Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रीविद्यायै मंत्रविग्रहायै त्रिपुरायै त्रिपुरेशा यै महात्रिपुरसुंद त्रिपुरावासर सिकायै त्रिपुराश्री स्वरूपिण्यै • • For Private and Personal Use Only 18 10 AA 10 AP " अखड सश्चिदानद शिवशक्त्यैक्यरूपिण्यै । " DA 3 t 20 .
SR No.034160
Book TitleVidyopasna
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherHimmatram Yagnik
Publication Year1987
Total Pages141
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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