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________________ PIANORAMAmALDIDIHIMo m totteurNUTRAILI AmmMDARD L INDram MAULINE ILL.. FILMILL IPLOILLLOP mililo HTTA 41 OM HOge UITM स्नेही स्वपनो, सही लग्नविधि संपन्न थाय छे. आपना वाससभर सहभागेमा विधिने वधुभंगलमयअनावी छे.आमवसरे 'शरभशि परिवार' मने 'होशी परिवार' वतीथी साप सौनो आभार भानीसे छीमे. साधाो प्रभुने प्रार्थीमे सेनी इधा घीति-नने अवननुं प्रत्येसुजससने मन्ने मेहमीसनामात्भानासायांसाथी जनी रहे. मा विधि सभे शध्य योऽसा तथा लावपूर्व उरी छे. छतांय छोछ क्षति रही ग होय तो प्रभु पासे नतमस्तडे क्षमा प्रार्थी से छीमे. छम्छामि जभासायो, वंटित वशिामे निसीहिआओ भत्थमेश वंघाभि / / 7 आज्ञाहीनं, ठियाहीनं, भंत्रहीनं य यकृतम् / तत्सर्वं कृपया हेवाः क्षभयन्तु परमेश्वरा // आवाहनं न नाभि, न नाभि विसईनम्। पूलविधिं न नाभि, प्रसी परमेश्वर // (भावार्थ : हे गुरदेव भारी सभन शठितसहित अने पापरहित शरीर वडे आपने नतमस्त वांवाने छछुछु. ॐ हे परभ मेश्वर्यशाली हेवो, में वे माज्ञाहीन, डियाहीन हे भंवरहित ठर्भ युं होय ते सर्वनेपा पुरीने क्षमा उरो. हे परमेश्वर! हुं आवाहननी विधि रातो नथी , नथी तो विसर्जन. हुँ पूविधि पा रातो नथी, तो (प) भारा पर प्रसन्न थामओ.) AdI...I...IN
SR No.034158
Book TitleJain Marriage Ceremony English and Gujarati
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherPallavi and Dilip Mehta
Publication Year1997
Total Pages24
LanguageEnglish, Gujarati
ClassificationBook_English & Book_Gujarati
File Size46 MB
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