________________ G d. JITICS . T VZIAL ASTUAL हीप्ति-पनड,सारथीवनभांप्रत्येऽपगलेतभेमेडमीशनां साथी मनोछो. "भन, धर्म, शारीरिडिया, प्रेम, आनंहअनेटीर्घायुष्यनी पालतमा मुलीनां सहभागी अनी, साया अर्थभांशवननां सर्व सज पाभीमे"-से लावना हघ्यभा धारी, मेष्ठमीनो हाथ माली, शासनवतानी साक्षीमे टीपट इरता छ भंगलाझेश इरी, तभो सायां वनसाथी अनो. इराइरती वजते छन्या आगण सने वर पाछण रहेशे, आ विधि घरभ्यान रेड ३रे मेष्ठ श्लोड गवाशे सने ईराने अंते न्यारे 'स्वाहा' मोलाय त्यारे वरन्या 'ॐ मह' ओली, प्रसुयरो अक्षत अंशति अर्थशे. || भंगारा॥ सति सहगृहस्थत्वं, पारिवाश्यं सुरेन्द्रता। साभ्राग्यं धरभार्हन्त्यं निर्वाय येति ससम् // ॐ ह्रीं श्री समक्षति परभस्थानाय नमः स्वाहा। ॐ ह्रीं श्री सगृहस्थ परभस्थानाय नमः स्वाहा। ॐ ह्रीं श्री पारिवाश्य परभस्थानाय नमः स्वाहा / ॐ ह्रीं श्री सुरेन्द्रता परभस्थानाय नमः स्वाहा। ॐ ह्रीं श्री साम्राश्य परभस्थानाय नमः स्वाहा। ॐ ह्रीं श्री परभार्हन्त्य परभस्थानाय नमः स्वाहा / Similiting HDINDIMSHINE MURARITTAutummmm Jame Riummuni11 mna RATHI RD InHIS LUIUJI ACE D Pedanl.. .... DIRUITORIDDESIBHIT