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॥ श्री सुधर्मास्वामीने नमः ॥
अहो ! श्रुतम् - स्वाध्याय संग्रह [१०] वैराग्यशतक इन्द्रिय पराजय शतक
[ गाथा और अर्थ ]
कर्ता :- अज्ञात पूर्वाचार्य महर्षि अनुवादक :- पू. आ. रत्नसेनसूरिजी
-: संकलन श्रुतोपासक
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-: प्रकाशक :
श्री आशापूरण पार्श्वनाथ जैन ज्ञानभण्डार शा. वीमळाबेन सरेमल जवेरचंदजी बेडावाळा भवन हीराजैन सोसायटी, साबरमती, अमदाबाद - ३८०००५ Mo. 9426585904
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