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॥ श्री सुधर्मास्वामीने नमः ॥ . अहो ! श्रुतम् - स्वाध्याय संग्रह [९]
प्रशमरति [गाथा और अर्थ]
कर्ता :- श्रुतधर उमास्वातीजी महाराजः अनुवादक :- पू.आ. श्रीभद्रगुप्तसूरिजी
-: संकलन :
श्रुतोपासक
-: प्रकाशक :श्री आशापूरण पार्श्वनाथ जैन ज्ञानभण्डार शा. वीमळाबेन सरेमल जवेरचंदजी बेडावाळा भवन हीराजैन सोसायटी, साबरमती, अमदाबाद-३८०००५
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