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________________ ब्रह्मानन्द तथ्य अनुदाक amitraai शान्तिपाठ अतीतविद्याप्राप्त्युपसर्गप्रश- पूर्वकथित विद्याकी प्राप्तिके प्रतिवन्धोंकी शान्तिके लिये शान्तिमनार्था शान्तिः पठिता । इदानीं पाठ कर दिया गया । अत्र आगे तु वक्ष्यमाणत्रह्मविद्याप्राप्त्युप - ! कही जानेवाली विद्याको प्राप्तिके प्रतिबन्धोंकी शान्तिके लिये शान्तिसर्वोपशमनार्था शान्तिः पठ्यते- पाठ किया जाता है— 1 ॐ सह नाववतु । सह नौ भुनक्तु । सहवीर्यं करवावहै । तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ॥ ॐ शान्तिः ! शान्तिः !! शान्तिः !!! [ चह परमात्मा ] हम [ आचार्य और शिष्य ] दोनोंकी साथ-साथ रक्षा करे, हम दोनोंका साथ-साथ पालन करे, हम साथ-साथ वीर्यलाभ करें, हमारा अध्ययन किया हुआ तेजखी हो और हम परस्पर द्वेष न करें। तीनों प्रकारके प्रतिबन्धोंकी शान्ति हो ।
SR No.034106
Book TitleTaittiriyo Pnishad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGeeta Press
PublisherGeeta Press
Publication Year1937
Total Pages255
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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