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श्रमण सूक्त
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जहा से कंबोयाण
आइणे कथए सिया ।
आसे जवेण पवरे
एव हवइ बहुस्सुए ।।
( उत्त ११ १६ )
जिस प्रकार कम्बोज के घोडो मे से कन्थक घोडा शील आदि गुणो से आकीर्ण और वेग से श्रेष्ठ होता है, उसी प्रकार भिक्षुओ मे बहुश्रुत श्रेष्ठ होता है ।
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