________________
श्रीरमणाश्रम
१२५
से कभी भी अनुपस्थित नही रहते थे। रसोई मे काय करना भी मुस्यत उन्होंने इसीलिए बन्द कर दिया था ताकि सभी भक्त उनके दशन कर सकें। जब उनसे भारत के पवित्र तीर्थ-स्थानो की यात्रा करने के लिए कहा गया तो उनके इन्कार करने का एक कारण यह भी था कि उनकी अनुपस्थिति मे भक्तजन आश्रम मे आयेंगे और उन्हे निराश होना पडेगा । अपनी अन्तिम वीमारी मे वह अत तक इस बात पर बल देते रहे कि उनके दशनो के लिए आने वाले सभी भक्तो को उनसे मिलने दिया जाय । ___इन वर्षों मे भक्तो को जो अनुभव हुए, श्रीभगवान् ने उन्हें जो उपदेश दिये और उनकी शकाओ का जो समाधान किया, उस सव को यदि सग्रहीत किया जाय तो कई ग्रन्थ लिखे जा सकते है। परन्तु इस पुस्तक का उद्देश्य विस्तृत वणन प्रस्तुत करना नही बल्कि श्रीभगवान् के जीवन और उनकी शिक्षाओ का सामान्य चित्र प्रस्तुत करना है।